बिजनौर में दलित लड़की के अपहरण के बाद क्षेत्र में मचा हड़कंप। समाजसेवी निर्देश सिंह ने की आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में जहां एक दलित बेटी को हथियार और असलहों बल पर अपहरण कर लिया जाता है। तो वहीं उत्तर प्रदेश की नाकाम पुलिस अपराधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना तो दूर गिरफ्तार करने की जहमत नहीं जुटा पा रही है। इसका बड़ा कारण यह है कि जिस दलित लड़की को डेढ़ दर्जन लोगों ने रात के 1:30 बजे अपहरण किया वह सभी अपर कास्ट के लोग हैं।
पूरा मामला क्या था
गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश देश का एक ऐसा प्रदेश है जहां दलित अत्याचार के मामले में नंबर दो बना हुआ है। इस नंबर दो लाने के पीछे उत्तर प्रदेश पुलिस का भरपूर सहयोग मिल रहा है।
माता सावित्रीबाई फुले महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा बताया गया कि जिला बिजनौर के तहसील/थाना नजीमाबाद के ग्राम घोसीपुरा में 21 जुलाई 2020 को एक गरीब दलित की 21 वर्षीय बेटी को गांव के आसपास के दबंग व गिरी मानसिकता के लोगों ने दलित के घर में धावा बोलकर असलह और हथियारों के बल पर लड़की का अपहरण करके ले गए और लड़की के बचाव में आया उसके भाई को जमकर पीटा।
बिजनौर पुलिस ने मामला दर्ज समाज की बेटी के होने के कारण रफा-दफा करने की कोशिश कर रही है।
घटना की सूचना होने पर माता सावित्री फुले महासंघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्देश सिंह अपनी टीम के साथ मुरादाबाद आईजी रमिश शर्मा से मुलाकात करके आरोपी की गिरफ्तारियों की मांग उठाई।
निर्देश सिंह की मांग पर आईजी रमित शर्मा ने एसएसपी बिजनौर को जांच के आदेश देते हुए टीम गठन कर आरोपियों के खिलाफ सख्त आदेश दिया।
दुनिया भर में दलित अत्याचार का यह पहला मामला नहीं ऐसे लाखों मामले की फाइलें थाने और कोर्ट में धूल फांक रही हैं। लेकिन पुलिस सिर्फ हवा में तीर मारने के सिवा कोई काम नहीं करती है।
अब देखना यह है कि बिजनौर पुलिस इस लड़की को ढूंढ पाने में कितनी सफल होती है या फिर अपराधियों को गिरफ्तार करने में कितने हाथ पर मारती है।